“दिल्ली डरा हुआ शहर: रेड फोर्ट से महिपालपुर तक दहशत”

“दिल्ली डरा हुआ शहर हालिया धमाकों और अचानक हुई आवाज़ों से दहशत में है। रेड फोर्ट से महिपालपुर तक फैला डर राजधानी में असुरक्षा बढ़ा रहा है। चिंता बढ़ा रहा है।”

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11/14/20251 min read

दिल्ली में बढ़ता खौफ: दो घटनाओं ने कैसे राजधानी के लोगो में डर माहौल पैदा कर दिया है ?

दिल्ली, जो हमेशा से अपनी तेज़ रफ्तार जिंदगी, भीड़भाड़ और हलचल के लिए जानी जाती है, इन दिनों एक अलग ही डर का माहौल छाया हुआ है । अचानक से हुए दो धमाकों -जैसी घटनाओं ने न केवल लोगों को डरा दिया है , बल्कि दिल्ली में एक मनोवैज्ञानिक डर का माहौल भी पैदा कर दिया है । इन घटनाओं ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या दिल्ली अब पहले से ज्यादा असुरक्षित महसूस कर रही है?

रेड फोर्ट ब्लास्ट: एक शांत शाम का भयानक मोड़

सप्ताह की शुरुआत उस भयानक घटना से हुई, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया । सोमवार की शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन गेट नंबर 1 के पास खड़ी एक Hyundai i20 में भयंकर विस्फोट हुआ। धमाका इतना तेज था कि आसपास खड़ी गाड़ियों के शीशे टूट गए और कुछ सेकंड में ही वहाँ पर अफरा-तफरी मच गई। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, इस धमाके कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि बहुत सारे लोग जख्मी हुए जख्मी लोगो को अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

जांच में सामने आया कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं, बल्कि एक आतंकवादी हमला था जो प्रीप्लांड था। मामले में Dr. Umar Nabi Bhat नाम का एक डॉक्टर इस घटना में शामिल पाया गया , जिसे धमाके से पहले उसी कार को चलाते देखा गया था। बाद में उसकी मां का डीएनए सैंपल घटना स्थल से लिए गए सैंपल से मैच हुआ, जिससे उसकी घटना में शामिल होने की पुष्टि हो गई। यह बिल्कुल नया और चौंकाने वाला पहलू था, क्योंकि ‘व्हाइट-कालर मॉड्यूल’ का नाम सामने आने से इस बात ने लोगों को और भी हैरान कर दिया कि अब शिक्षित और प्रोफेशनल लोग भी आतंकवाद का हिस्सा बन रहे हैं।

महिपालपुर में हड़कंप: टायर फटा, पर लोगो के दिलो में लालकिले जैसी घटना का डर

रेड फोर्ट धमाके की दहशत अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि बुधवार सुबह महिपालपुर इलाके में एक तेज आवाज़ ने फिर से राजधानी के लोगो को हिला कर रख दिया। Radisson Blu होटल के पास अचानक धमाके जैसी आवाज़ सुनाई दी, और कुछ ही मिनटों में लोगो की भीड़ जमा हो गई, पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुँच गई। सोशल मीडिया पर तुरंत दिल्ली में फिर ब्लास्ट की खबर फैलने लगी, लेकिन जांच में पता चला कि यह कोई बम धमाका नहीं था — यह एक चलती हुई DTC बस के पिछले टायर के फटने की आवाज थी।

फिर भी, यह घटना इस बात का साक्षी बन गई कि दिल्ली के लोग किस हद तक डरे हुए हैं। पहले की घटना की वजह से सामान्य सी आवाज़ भी अब धमाका लगने लगी। चाहे यह तकनीकी खराबी ही क्यों न हो, पर उस क्षण की स्थिति ने यह जाहिर किया कि लोगों के मन में डर बैठ चूका है ।

लोगो में डर, अविश्वास और लगातार बढ़ती चिंता

इन दोनों घटनाओं ने मिलकर यह साफ कर दिया है कि अब दिल्ली में केवल विस्फोट नहीं, बल्कि एक मानसिक खौफ तेजी से फैल रहा है। रेड फोर्ट धमाके ने दिखाया कि साजिश कितनी गहरी थी और उसमें एक डॉक्टर का शामिल होना लोगों के भरोसे को हिला दिया है । वहीं महिपालपुर की घटना ने यह साबित कर दिया कि कहीं भी अचानक कोई तेज आवाज़ भी भीड़ में खौफ पैदा कर सकती है।

सुरक्षा एजेंसियां लगातार स्थिति को नियंत्रित में रखने और लोगों को आश्वस्त करने में लगी हुई हैं, लेकिन डर का यह माहौल इतनी आसानी से नहीं मिटेगा।

लोगो के मन में सवाल उठ रहे हैं

-क्या शहर में कोई बड़ी साजिश चल रही है/पनप रही है?

-क्या सुरक्षा चक्र में कोई कमी आ गयी है ?

- क्या अब हर तेज आवाज़ को खतरे की घंटी समझना चाहिए?

आगे क्या?

एक तरफ लालकिले का धमाके की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है, डीएनए मैच से आरोपी की पहचान स्पष्ट कर ली गयी है और पूरे मॉड्यूल को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। दूसरी तरफ महिपालपुर जैसी घटनाएं लोगों के भीतर बढ़ते तनाव और डर को उजागर कर रही हैं। हाई अलर्ट जैसी स्थिति में सामान्य हादसे भी दिल दहला देने वाली घटना बन जाते हैं।

शीर्षक: दिल्ली में Red Fort धमाके के चारों ओर 1 रहस्य: डीएनए ने परदा उठाया

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